एपीआई क्या है और इसके प्रकार ? | What is API in Hindi

एपीआई का परिचय | Introduction of API in Hindi

आपने कभी सोचा है कि आपके मोबाइल application आपको वह सभी जानकारी कैसे प्राप्त करते हैं जो आपके डिवाइस पर दिखाते हैं? या जब आप एक वेबसाइट पर Login करते हैं, तो कैसे वह आपके खाते की जानकारी तुरंत प्राप्त कर लेती है? इसका जवाब है – एपीआई !

API, यानि “Application Programming Interface,” एक अहम तकनीकी अंश है जो हमारे डिजिटल जीवन को करता है। एपीआई हमारे device, software, और सेवाओं के बीच एक पारम्परिक द्वार (traditional gateway) का कार्य करता है जिसके माध्यम से जानकारी share की जाती है।

एपीआई क्या है? | What is API in Hindi?

एपीआई का मतलब होता है “एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस”। इसका उपयोग दो या दो से अधिक सॉफ़्टवेयर Application के बीच संवाद (communication) स्थापित करने के लिए किया जाता है, जिससे वे आपस में तथा अन्य सिस्टम्स से जुड़े रह सकते हैं।API का कार्य होता है दो अलग-अलग सॉफ़्टवेयरों को एक तरीके से बातचीत करने में मदद करना। यह एक माध्यम प्रदान करता है जिसके माध्यम से एक software अन्य software के साथ डेटा शेयर कर सकता है या उसके साथ काम कर सकता है।

API आमतौर पर एक कोड का सेट होता है जिसे Developers Application के साथ जोड़ सकते हैं, और इसका उपयोग किसी अन्य सॉफ़्टवेयर या सिस्टम के साथ संवाद स्थापित करने के लिए किया जा सकता है। एपीआई के माध्यम से, एक सॉफ़्टवेयर अन्य सॉफ़्टवेयर की सुविधाओं का उपयोग कर सकता है बिना खुद को पूरी तरह से बनाने के लिए।

एपीआई का उदाहरण | Example of API in Hindi

एक वास्तविक जीवन का उदाहरण एपीआई का उपयोग social media साइटों के बीच हो सकता है, जैसे कि Facebook और Instagram के बीच का API.

सोचिए, आपने एक नई फोटो Instagram पर पोस्ट की है। अब, जब आप इस फोटो को Facebook पर भी दिखाना चाहते हैं, तो आपको उसी फोटो को फेसबुक पर अलग-अलग अपलोड नहीं करना पड़ता। इसके बजाय, Instagram और Facebook के बीच API का उपयोग होता है।

जब आप Instagram पर फोटो पोस्ट करते हैं, तो Instagram एपीआई फेसबुक से संपर्क करता है और उसके माध्यम से इस फोटो की जानकारी को भेजता है। फेसबुक एपीआई फिर इस जानकारी को प्राप्त करता है और आपके Facebook खाते पर उसी फोटो को पोस्ट करता है, इसे दूसरों के साथ साझा करने का आसान बनाता है।

इस प्रक्रिया से, व्यक्ति ने एक ही फोटो को एक बार में दो सोशल मीडिया साइटों पर साझा किया, जिसने उसे दोनों साइटों पर अपने दोनों followers के साथ साझा करने की सुविधा दी। एपीआई ने इस प्रक्रिया को सुरक्षित और सुचारु बनाया, जिससे एक site पर किया गया कोई बदलाव दूसरी site पर भी visible होता है।

API in Hindi

एपीआई का काम कैसे करता है? | How does API work in Hindi ?

API एक तरह की सेट parameters और instructions का combination होता है जिसका उपयोग सॉफ़्टवेयर और एप्लिकेशन में किया जाता है। जब एक एप्लिकेशन एक एपीआई का request करता है, तो वह एपीआई के साथ communicates करता है और जरूरी डेटा या सेवाएँ प्राप्त करता है। यह तब होता है जब एक application अपनी quality और कार्यों को बढ़ाने के लिए दूसरे service providers  के साथ सहयोग करता है। एपीआई काम कैसे करता है,आइए एक साधारित उदाहरण के माध्यम से समझते हैं, सोचिए आप एक Restaurant के online ordering system का उपयोग कर रहे हैं:

  • आपने Restaurant के online ordering system का उपयोग करके अपना order दिया है, जिसमें आपने चाय, Sandwich, और केक का आर्डर किया है।
  • Restaurant के online ordering system में आपका आर्डर दर्ज होता है। अब, यहां आता है एपीआई PI का काम।
  • जब आपका आर्डर दर्ज होता है, तो रेस्तरां का online ordering system एपीआई का उपयोग करके Restaurant के भंडारण (Kitchen) सिस्टम से मिलता है।
  • भंडारण सिस्टम देखता है कि क्या सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध है या नहीं। उदाहरण के लिए, अगर चाय की पत्तियां खत्म हो गई हैं, तो यह बता देगा कि यह order पूरा नहीं किया जा सकता है।
  • रेस्तरां का online ordering system फिर से एपीआई का उपयोग करके ग्राहक को आपके order की स्थिति बताता है। आपको पता चलता है कि आपका order प्रक्रिया में है और कब तक पहुँचने की संभावना है।
  • जब आपका आर्डर पूरा हो जाता है, Restaurant का ऑनलाइन आर्डर सिस्टम API का उपयोग करके आपको यह सूचित करता है और आपके घर तक आपका आर्डर पहुँचता है।

समझें कि यह एपीआई ने ग्राहक, online ordering system, और भंडारण सिस्टम को एक दूसरे के साथ बातचीत करने में मदद की है, जिससे आपका order smoothly और सही तरीके से पूरा हो सकता है।

एपीआई की विशेषताएं | Features of API in Hindi

  • API के माध्यम से दो अलग software program एक दूसरे से जुड़ सकते हैं, संबंध बना सकते हैं।
  • एपीआई से, एक program दूसरे program की सुविधाओं का उपयोग कर सकता है और अपने अनुप्रयोग को enhanced कर सकता है।
  • एपीआई के माध्यम से, एक प्रोग्राम दूसरे प्रोग्राम के साथ डेटा साझा कर सकता है, जिससे जानकारी का आपसी विनिमय होता है।
  • एपीआई में सुरक्षा के लिए विभिन्न certificates और key binding का समर्थन होता है, जिससे unauthorized पहुंच से बचा जा सकता है।
  • एक अच्छी एपीआई के साथ उच्च-कक्ष Documentation होती है, जिससे users आसानी से समझ सकते हैं कि यह कैसे काम करती है और कैसे इसका उपयोग कर सकते हैं।
  • एक अच्छी एपीआई हमेशा से सुरक्षित और स्थिर होती है, ताकि users बिना किसी तकलीफ के उसका उपयोग कर सकें।
  • API का उपयोग करते समय सहयोग उपलब्ध होता है, ताकि किसी भी समस्या का समाधान किया जा सके।

एपीआई के प्रकार | Types of API in Hindi

एपीआई कई प्रकार की होती हैं, जो विभिन्न उद्देश्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की जाती हैं। यहां कुछ मुख्य प्रकारों की विस्तार से बात करता हूं:

1. Web API

ये APIs इंटरनेट पर उपलब्ध होते हैं और वेब डेवेलपमेंट में उपयोग होते हैं। REST (Representational State Transfer) और SOAP (Simple Object Access Protocol) वेब API के लिए प्रमुख protocols हैं। इनका उपयोग Web Application और Mobile application के बीच डेटा साझा करने के लिए होता है।

2. Library API

  • Graphics Library API: ये लाइब्रेरी जैसे OpenGL और DirectX, जिन्हें गेम डेवेलपमेंट और graphics एप्लिकेशन्स में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • Multimedia Library API: जैसे कि DirectX, जो ऑडियो और वीडियो processing के लिए हैं।

3. Operating System API

  • Windows API: windows operating system के साथ interact करने के लिए है।
  • Unix और Linux System के साथ interact करने के लिए होने वाली API।

4. Database API

  • SQL API: यह डेटाबेस से डेटा प्राप्त और इसे अपडेट करने के लिए है, जैसे कि JDBC (Java Database Connectivity) और ODBC (Open Database Connectivity)।
  • NoSQL API: MongoDB जैसी NoSQL डेटाबेस के साथ इंटरएक्ट करने के लिए।

5. Hardware API

  • Graphic Card API: जैसे कि OpenGL और DirectX, जो गेम्स और ग्राफ़िक्स एप्लिकेशन्स के साथ hardware communication करने में मदद करते हैं।
  • Device Driver API: जो hardware डिवाइस के साथ संवाद करने के लिए हैं, जैसे कि USB ड्राइवर API।

6. Graphical User Interface API

  • इसका उपयोग graphical interface बनाने और इससे interact करने के लिए होता है।
  • उदाहरण स्वरूप, यह एक users interface की बटन, टेक्स्ट बॉक्स, और अन्य तत्वों को control करने की सुविधा प्रदान कर सकता है।

7. REST API

  • यह वेब सेवा के लिए एक प्रमुख प्रकार का एपीआई है जो HTTP protocol का उपयोग करता है।
  • यह स्थिरता और सरलता के लिए मशहूर है और अनुप्रयोगों के बीच डेटा को साझा करने में मदद करता है।

इनमें से प्रत्येक API विशिष्ट उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करती है और विभिन्न प्रकार की Development में उपयोग होती हैं।

API का महत्व | Importance of API in Hindi

API का महत्व बहुत है क्योंकि यह विभिन्न सॉफ़्टवेयर एप्लीकेशन्स और सेवाओं को मिलाकर Prosperity और growth की दिशा में मदद करता है। यहां एपीआई के महत्व के कुछ कारण हैं:

  • API के माध्यम से एक Software या सेवा दूसरे Software या सेवा के साथ interact कर सकती है, जिससे विभिन्न services को एक साथ मिलाकर एक सुचारु तथा विशाल solution बनाई जा सकती है।
  • API की मदद से एक Application डेटा को दूसरे Application से प्राप्त कर सकता है और इसे update कर सकता है बिना किसी विस्तारित तकनीकी जानकारी के।
  • API एक डेवेलपर को अन्य software के साथ integrate करने में मदद करता है, जिससे उसे अपने एप्लीकेशन को तेजी से विकसित करने में समर्थन मिलता है।
  • API के माध्यम से एक सेवा अपने users के साथ डेटा साझा कर सकती है, जिससे users अपने डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर साझा कर सकता है।
  • मोबाइल एप्लीकेशन्स में एपीआई का unique महत्व है, क्योंकि इससे एक एप्लीकेशन दूसरे services और एप्लीकेशन्स के साथ interact कर सकता है और उनकी सुविधाओं का उपयोग कर सकता है।
  • API सुरक्षा को बनाए रखने में मदद करता है क्योंकि यह डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर सुरक्षित रूप से साझा करने की सुविधा प्रदान करता है और unauthorized पहुंच से बचाव करता है।

एपीआई का भविष्य | Future of API in Hindi

API  का भविष्य बहुत रोचक और उत्कृष्ट है, और इसमें कई conversion और prosperity की संभावनाएं हैं। यहां कुछ मुख्य दिशाएं हैं जो आने वाले समय में एपीआई के भविष्य को आधारित कर सकती हैं:

  • आने वाले समय में API Machine Learning और Artificial Intelligence (AI) के साथ और भी मिलजुलकर काम करने में सक्षम होंगे।इससे developers को अधिक सुविधा मिलेगी और वे अपने Application को और भी स्तर पर उत्कृष्ट बना सकेंगे।
  • Web Application के बढ़ते उपयोग के साथ, वेब एपीआई का महत्व भी बढ़ेगा।वेब सहयोग के माध्यम से एक एप्लिकेशन अन्य Application के साथ communicate करने में और भी सरल हो जाएगा।
  • आगामी दशक में, IoT तकनीकों के साथ मिलकर एपीआई का विस्तार होगा।यह विभिन्न Devices और sensors को एक अनुक्रम में जोड़ने में मदद करेगा और users को एक साझा और सुरक्षित प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करेगा।
  • Commercial उपयोग के लिए एपीआई का और भी बड़ा सार्थकता होगा।विभिन्न उद्योगों में अधिक विशेष और उच्च स्तर के समाधानों के लिए एपीआई का उपयोग होगा, जिससे कि Companies और उनके ग्राहकों को अधिक समृद्धि हो सके।
  • जबकि एपीआई का उपयोग बढ़ता है, सुरक्षितता एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जाएगा।आने वाले समय में एपीआई  Development में और भी सुरक्षितता नीतियों और तकनीकों का विकास होगा ताकि users डेटा का सुरक्षित रूप से Handle किया जा सके।

आने वाले समय में, एपीआई नई तकनीकों और उपयोग क्षेत्रों में एक नया दौर लेकर आएगा, जिससे हम नए और सुधारित तरीकों से interactकर सकेंगे और Application  को और भी प्रभावी बना सकेंगे।

क्या एपीआई सुरक्षित है ? | Is the API secure in Hindi ?

API सुरक्षितता एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण विषय है, और इसे ध्यानपूर्वक Manage करना आवश्यक है। यह निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की एपीआई का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन कुछ सामान्य सुरक्षा सूचनाएं निम्नलिखित हो सकती हैं:
  1. SSL/TLS Encryption : एपीआई Communication को सुरक्षित बनाने के लिए SSL या TLS का उपयोग करें, ताकि डेटा एक secure system पर transmit हो सके।
  2. Access Control: सुरक्षित एपीआई के लिए Access control सुनिश्चित करें ताकि केवल आवश्यक और अनुमति प्राप्त users को ही एक्सेस मिले।
  3. System and Token: Token और एपीआई की keys का सही तरीके से Management करें, और नए system और टोकन की जरूरत के समय समय पर इस्तेमाल करें।
  4. Data Verification: Users के द्वारा प्रदान किए गए डेटा की Verification के लिए Methods और निर्देशों का पालन करें।
  5. Reporting and Logging: सुरक्षित एपीआई के लिए Reporting और Logging की व्यवस्था करें, ताकि किसी असामान्य गतिविधि को पहचाना जा सके और उसका समाधान किया जा सके।

इन सुरक्षा सुझावों को अपनाने से, आप अपनी एपीआई को सुरक्षित बना सकते हैं।

FAQs of API in Hindi

प्र.1 API क्या है?

जवाब: एपीआई, या Application Programming Interface , एक प्रकार का Bridge है जो एक सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन को दूसरे एप्लिकेशन से connect करता है। यह एप्लिकेशन्स के बीच में डेटा और Functionality को शेयर करने में मदद करता है।


प्र.2 API का इस्तेमाल क्यों होता है?

जवाब: एपीआई का इस्तेमाल एक सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन से दूसरे एप्लिकेशन में डेटा या सेवाएँ access करने के लिए होता है। इससे application एक दूसरे के साथ communicate कर सकती हैं, जिससे एक seamless और Integrated User Experience होता है।


प्र.3 एंडपॉइंट क्या होता है?

जवाब: Endpoint , एपीआई का एक स्पष्ट URL होता है जिससे API access होता है। हर endpoint एक स्पष्ट Functionality या resource को प्रतिष्ठित करता है। उदाहरण के लिए, एक बुक स्टोर एपीआई में “/books” एंडपॉइंट बुक्स की जानकारी को retrieve करने के लिए उपयोग होता है।


प्र.4 HTTP मैथड्स का क्या रोल है एपीआई में?

जवाब: HTTP methods , जैसे कि GET, POST, PUT, DELETE, API के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए उपयोग होते हैं। GET डेटा retrieve करने के लिए होता है, POST न्यू डेटा submit करने के लिए होता है, PUT मौजूदा डेटा को update करने के लिए होता है, और DELETE डेटा को हटाने के लिए होता है।


प्र.5 ऑथेंटिकेशन क्यों ज़रूरी है एपीआई में?

जवाब: Authentication, एपीआई को unauthorized access से बचाने के लिए होती है। इससे एपीआई सर्वर verified करता है कि outgoing request सही है या नहीं। Common Authentication Methods में API कुंजीयाँ, OAuth टोकन्स, और Username-Password Combination शामिल होते हैं।


प्र.7 JSON क्या होता है और एपीआई में इसका इस्तेमाल क्यों होता है?

जवाब: JSON (JavaScript object notation) एक Lightweight Data Interchange फॉर्मेट है जो Easy readability और writing प्रदान करता है। एपीआई  responses आमतौर पर जेसन फॉर्मेट में होती हैं, क्योंकि यह human-readable है और machines भी इसे पार्स (parse) कर सकती हैं।


प्र.9 स्वैगर/ओपनएपीआई क्या होता है?

जवाब: swagger/openAPI, API Documentation के लिए एक standard है। इसमें एपीआई के Endpoints, Parameters, और Responses के विवरण शामिल होते हैं, जो डेवेलपर्स को एपीआई को समझने और उपयोग करने में मदद करते हैं।


प्र.10 एपीआई वर्शनिंग क्यों ज़रूरी है?

जवाब: API versioning, जब एपीआई में बदलाव होते हैं तो यह सुनिश्चित करने के लिए कि पिछली संगतता बनी रहे और मौजूदा users को परेशानी नहीं हो, इसका इस्तेमाल होता है। विभिन्न Versions Developers को उनके मौजूदा कोड को Update करने की लात मिलती हैं।

Conclusion :

आपने अब API के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त की है! यह एक अहम तकनीकी tool है जो हमारे डिजिटल दुनिया को operate करता है और हमें अनुकूलता प्रदान करता है। एपीआई बिना हमारे जीवन को आसान और संवादपूर्ण नहीं बना सकता है।

उम्मीद है दोस्तों की यह पोस्ट आपके लिए फायदेमंद साबित हुआ अगर कोई topic नहीं समझ आ रहा या कोई टॉपिक समझने में परेशानी है तो आप मुझसे comment करके पूछ सकते है और यह Blog post आपके लिए सही साबित हुआ हो तो इससे दोस्तों के साथ भी शेयर करे ।और ऐसे ही प्यार लिए लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!

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