K-Means Clustering in Machine Learning in Hindi

K-Means Clustering क्या है ?

K-Means Clustering एक Unsupervised Machine Learning Algorithm है जो Data Points को clusters में विभाजित करने के लिए उपयोग किया जाता है। एक cluster डेटा Points का group होता है जो एक दूसरे से समान होते हैं और अन्य clusters के डेटा Points से भिन्न होते हैं।

K-Means Clustering (के-मींज क्लस्टरिंग) एक मशीन लर्निंग तकनीक है जो डेटा को समूहों में Classification करने में मदद करता है। इसका मुख्य उद्देश्य Data में समान प्रकार की चीजों को एक साथ जोड़ना है, ताकि हम उनके Pattern और संबंधों को समझ सकें।

K-Means Clustering कैसे काम करता है ?

  • शुरुआत में, हम किसी central pointsको चुनते हैं – यानी, हम शुरू में कुछ central points की स्थापना करते हैं, जो हम Centroid कहते हैं।
  • फिर हम डेटा Points को निकटतम Centroid से जोड़ते हैं – हर डेटा पॉइंट को उस Centroid से जोड़ते हैं जो उसके नजदीक होता है।
  • उन पॉइंट्स की average निकालते हैं और नया Centroid बनाते हैं – एक बार पॉइंट्स को कैंटरॉयड से जोड़ने के बाद, हम उन पॉइंट्स की average निकालते हैं और उसे नया कैंटरॉयड बनाते हैं।
  • इस प्रक्रिया को कुछ बार दोहराते हैं – ऊपर की प्रक्रिया कुछ बार दोहराई जाती है ताकि Centroidकी स्थानीय औसत सही ढंग से मिल सके।
  • समूहों का गठन – अंत में, हम अलग-अलग कैंटरॉयड की गठन करके डेटा को समूहों में Classification करते हैं। हर Group में वो डेटा होता है जो उस समूह के कैंटरॉयड के पास होता है।

K-Means Clustering के फायदे

  • K-Means Clustering का उपयोग डेटा के Pattern और Grouping को समझने में मदद करता है, जिससे डेटा के साथ कुछ अद्भुत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  • यह डेटा को Classification करने के लिए एक साधना और तेज तरीका प्रदान करता है।
  • K-Means Clustering एक सामान्य और स्पष्ट तकनीक है जो आसानी से समझा जा सकता है। इसका इस्तेमाल डेटा को Prosperity से group करने के लिए किया जा सकता है और उससे समझाने में मदद मिलती है कि डेटा कैसे व्यवस्थित है।
  •  K-Means Algorithms स्वतंत्रता से वार्ता करता है और इसमें Complexity कम होती है। इसलिए, यह बड़े आंकड़ों के साथ कार्य करने में कुशल है और जल्दी परिणाम प्रदान कर सकता है।
  •  K-Means में हमें केवल एक ही parameters , जो कि clusters की संख्या है, को निर्धारित करना होता है। यह आसानी से समाधान किया जा सकता है और users को अधिक writable parameters की परेशानी से बचाता है।
  •  K-Means एक प्रभावी और उपयोगशील तकनीक है जो analysis, filtering , और grouping के लिए आसानी से लागू किया जा सकता है। यह अनेक उदाहरणों में उपयोगी हो सकता है, जैसे कि विपणि, समाजशास्त्र, और रोजगार बाजार विश्लेषण में।
  •  K-Means का उपयोग डेटा के अद्भुत गुण और उसमें छुपे तात्कालिक समरूपों की खोज के लिए किया जा सकता है। इससे आंकड़ों की एक अच्छी समझ मिलती है और नए और अनुप्रयुक्त properties की पहचान हो सकती है।

कृपया ध्यान दें कि K-Means Clustering की सीमाएँ (कितने Centroid बनाएं और इसे कितनी बार दोहराएं) प्रारूपिक रूप से निर्धारित की जाती हैं, और इन्हें सही ढंग से चुनना महत्वपूर्ण होता है।

K-Means Clustering का उदाहरण

  • मान लीजिए कि हमारे पास Customer Data का एक Set है जिसमें प्रत्येक Customer की Age और Income शामिल है। हम K-Means Clustering का उपयोग करके Customer को उनकी Age और Income के आधार पर विभिन्न Groups में विभाजित कर सकते हैं।
  • सबसे पहले, हमें यह तय करना होगा कि हम कितने cluster बनाना चाहते हैं। इस उदाहरण में, हम तीन cluster बनाएंगे: Young और low income, Young और high income, और Old और high income।
  • फिर, हम तीन random customers का चयन करेंगे और उन्हें cluster  centers के रूप में assign करेंगे। उसके बाद, हम सभी customers को उनके निकटतम cluster  centers के आधार पर clusters में विभाजित करेंगे।
  • अंत में, हम प्रत्येक cluster के Center को सभी उस cluster के customers की औसत आयु और आय के रूप में Update करेंगे। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराया जाएगा जब तक कि cluster centers अब नहीं बदलते।

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